रविवार, 2 अगस्त 2015

चौधरी अक्षर विज्ञान का एक पत्र अन्तराष्ट्रीय हिन्दी भाषा संघ को

                         अन्तराष्ट्रीय हिन्दी संघ 

अन्तराष्ट्रीय  हिन्दी संघ से हमारा हाथ जोड़कर निवेदन है कि 
अभी हमें हिन्दी भाषा को अन्तराष्ट्रीय भाषा बनाने में काफ़ी वक्त लगेगा क्योंकि हिन्दी भाषा में काफ़ी रहस्य छुपे हुए है जैसेकि ना तो हम हिन्दी भाषा  को अच्छी तरह से जान पाए है और ना ही समझ पाए है आज भी हम हिन्दी भाषा को एक अनपढ इंसान की तरह इस्तेमाल करते हैं क्योंकि  ना तो हम पूरी तरह हिन्दी भाषा के अक्षरों परिचित और ना ही हम मात्रा ओं से परिचित है 
शायद यही कारण हो सकता है कि हमारे देश के बच्चे हिन्दी में फ़ेल हो जाते है  
     हमने काफ़ी विद्यार्थी यों से पूछा और फ़िर अध्यापकों  से पूछा कि हिन्दी भाषा में कितने अक्षर      होते है किसी ने  [ 48 ] किसी ने  [ 49 ]  किसी ने  [ 50 ] किसी ने  [ 52 ] ऐसे ही  [ 62] अक्षर      तक लोगों ने बताया , इसी प्रकार हमने मात्राओं विषय में पूछा यहां पर भी लोग अन्दाज ही          लगाते रहे  
                           मित्रो यह जानकर हमें काफ़ी अफ़सोस हुआ कि 
                           एक तरफ़ हम दुनियां भर की ज्ञान विज्ञान की बात करते है 
                           और दूसरी तरफ़ हमें अक्षरों का ज्ञान नहीं है 
                          जबकि हिन्दी भाषा कितनी अनमोल भाषा है
                          जिसका अंदाज कोई नही लगा सकता कि
                          हिन्दी अक्षरों में कितने चमत्कार हो सकते हैं।
                         हां हिन्दी के हर एक अक्षर में ज्ञान छुपा हुआ है,
                         हजारों रहस्य छुपे हुए हैं 
यह तो हम सोच भी नहीं सकते मगर इतना जरुर कह सकते हैं कि जितना ज्ञान हिन्दी भाषा के अक्षरों में है,उतना ज्ञान हमें किसी और भाषा के अक्षरों में नहीं मिला है। 
 हिन्दी के हर-एक अक्षर में विधिके विधान का रहस्य छुपा हुआ है
 और चौरासी लाख योनियों का राज़ छुपा हुआ है 
और विश्व के सभी इंसानों का भविष्य छुपा हुआ है।
 हमनें हिन्दी के हर-एक अक्षर को बहुत ही करीब से जाना है 
और करीब से देखा है 
हमने मानव के जीवन पर संशोधन किया है नतीजा बहुत ही चौकाने वाला निकला है। अक्षर ज्ञान के विय को आगे बढ़ाने से पहले हम आपको कुछ बातें बताना चाहते हैं। इस पुस्तक के लेखो में एवं चित्रों में किसी प्रकार का अन्धविश्वास कि किसी प्रकार की सिद्धी का उपयोग नहीं हैं मात्र अक्षर ज्ञान हैं। इस पुस्तक में इन्सान के शरीर-से उत्पन्न होंनेवाले स्वर एवं ध्वनि-का और हिन्दी-भाषा के अक्षरों का ही उपयोग किया गया है। यह पुस्तक आपको हिन्दीभाषा के अक्षरों से परिचित करवाते हुए वह ज्ञानप्रदान करेगी जिसज्ञान के द्वारा आप अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हो और इसके अतिरिक्‍त आपको वह ज्ञानप्रदान करेगी जिस ज्ञान की आपको काफ़ी तलाश थीहिन्दी भाषा के अक्षर क्या है?और हिन्दीभाषा क्या हैयह समझाते हुए आपको वह मार्गदर्शन देगी जिसे जानने के लिए हर इन्सान सारी उम्र भटकता है। यह पुस्तक केवल हिन्दी वर्णमाला के अक्षरों के अभूतपूर्व प्रयोगों पर आधारित है। चौधरी अक्षर ज्योतिष आपको अक्षरों की जानकारी के साथ-साथ एकसा ज्ञान प्रदान करेगी जिसेजानकर आप चकित रह जाओगे। आज के दौंर में हर इन्सान अपने बारे में और अपने परिवार के बारे में जानने के लिए बहुत इछुक होते हैं और यह पुस्तक तो पृथ्वी पर रहनेवाले हर इन्सान के बारे में बताती है। जो इन्सान इस पुस्तक को पढ़ेंगे यह पुस्तक उनके जीवन के बारे में बताते हुए समाधान भी बताएगी जिन्हें जानकर सभी लोग सरल एवं सुलभ प्रयोग-द्वारा अपने जीवन-की कुछ समस्याओं का चमत्कारिक समाधान प्राप्‍त कर सकेंगे और भविष्य में कहीं कोई रुकावट है तो उसे खुद ही दुर कर सकेंगे। इस पुस्तक के द्वारा अपने भविष्य को जानने के लिए सबसे पहले आपको अपने परिवार के सदस्यों के नामों की आवश्यकता होगीजैसेकि सबसे पहले अपना नामफ़िर माता-पिता का नामउसके बाद पत्नी एवं पुत्रों के नाम जोड़ने होंगे उसके बाद गाँव जिल्लाप्रांत एवं देश के नामों की भी आवश्यकता होती है। इतने नामों को मिलाने के बाद ही इन्सान अपने जीवन के बारे में सही जाना सकता है।अब हम आपको एक उदाहरण देते हैंएक बड़ा कागज लें और अपने परिवार के सदस्यों के नाम उस प्रकार से लिखें जिस प्रकार से यह पुस्तक आपको बताए औरआगे पुस्तक को पढते जाएँजैसे-जैसे आप पुस्तक को पढते जाओगे वैसे-वैसे आपको अपने बारे में ज्ञान प्राप्‍त होता जाएगा। इस पुस्तक में जितने भी चित्र हैंहर चित्र आपको आपके जीवन के बारे में परिचित करवाता जाएगा । जहाँ आपके नाम के अक्षर और स्वर मेल खाते होवहाँ आप एक कागज पर लिखते जाएँ । जब आप पुरी पुस्तक को पढलोगेतो आपके जीवन की समस्थ समस्यायें और उनके उपाय निकल आयेंगे । इस पुस्तक में हमनें आपकी सुविधा अनुसार उन शब्दों का उपयोग किया है जो हर आम इन्सान हर समय उपयोग करता है । नामों के









हिन्दी भाषा अपने अन्दर काफ़ी रहस्य समेंटे हुए, हिन्दी भाषा की वास्तविकता को उजागर करने के में काफ़ी वक्त लगेगा व ड़ों

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