रविवार, 2 अगस्त 2015

हिन्दी अक्षर विज्ञान


      मित्रो , यह चित्र आप जो देख रहे हो यह वो चित्र जिसमें सभी अक्षर हैं जो आप सभी के नाम में आते हैं फ़र्क है तो बस इतना कि  इन अक्षरों पर कुछ मात्राएं लग जातीं है और जिन स्वरों मात्राएं अक्षरों पर लगतीं है वह स्वर और मात्राएं यह है 


                अआ इ ई उ ऊ ए ऍ ऐ ऑ ओ औ अं अः ॐ ऋ 
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मित्रो यह स्वर अक्षर और मात्राएं अदल-बदल कर एक दूसरे के साथ आते है तो शब्द बनाते हैं उन्ही शब्दों में से कुछ अक्षर चुनकर हम सब एक नाम बनाते हैं और जब सही नाम बन जाता है तो वह नाम संसार कुछ कर जाता है इसी लिए संसार में सभी लोग अपने बच्चे का नाम बडी ही सोच समझकर रखते हैं, यह अलग बात है कि किसी को नाम चुन्ना नही आता अगर संसार में किसी को नाम चुनना आता तो संसार में गरीबी, दु:ख-दारिद्र पुत्रहीन, नि:संतान लोग नही होते क्योंकि सही नाम इन सारी चीजों को नष्ट कर देता है 
दोस्तो यह तो आप जान ही होंगे कि जो चुने हुए होते है वही संसार चलाते है। चुने हुए देवों एवं लोगों पर ही संसार का करोबार टिका हुआ है 
जैसे कि 
 घर में इंसान का नाम , घरवाले चुन्ते है 
 समाज का मुखिया समाज वाले चुन्ते है
 गांव का मुखिया सभी समाज वाले चुन्ते है 
 तहसील का मुखिया सभी गांववाले चुन्ते है
  जिले का मुखिया सभी तहसीलवाले चुन्ते है 
  प्रांत का मुखिया सभी तहसीलवाले चुन्ते है  
 मित्रो जिस नाम को आप, जिस तरह से चुनोंगे वह व्यक्ति वैसा ही होगा इस लिए आप अपने घर में सही तरीके से अपने बच्चों के नाम चुनें , क्योकि इंसान एक वार जिसे चुन लेता है वही चीज उसी प्रकार का असर करती है जैसेकि [ यंत्र , मंत्र , तंत्र  ] देव, दैत्य, दानव, मानव ] में से आप किसी को भी चुनलो उसी का प्रभाव आपके जीवन पर पडेगा यह सत्य है । 
  मित्रो हम सब किसी का भी नामकरण करें तो नाम का कोई न कोई अर्थ जरूर होता है महापुरुष कहते हैं नाम से व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता चलता है। यही वजह है कि मां-बाप अपने बच्चों का नाम काफी सोच-समझकर रखते हैं मगर कुछ संसार में ऐसी परम्पराएं भी है जिन्हें हम सब पंचाग ज्योतिष कहते है पंचाग ज्योतिष में एक अक्षर बताते है, जो बच्चे के पैदा होने के साथ ही पंडितों द्वारा कुंडली के माध्यम से एक अक्षर बताते है, वह अक्षर से भी रखे गए नाम को बहुत कम होते है क्योंकि माता-पिता कोई अन्य नाम उसी अक्षर से संबंधित या राशी से संबंधित अपनी पसंद का नाम रखते हैं और उसी से अपने बच्चों को पुकारते हैं यह कोई नही जानता कि यह नाम अमर होगा या मिट जाएगा , वह इंसान जीवन सुख पाएगा या दु:ख उठाएगा उसका विवाह होगा कि नही , उसको संतान होगी कि नही , ऐसी सारी समस्याओं का समाधान नाम का एक अक्षर नही हो सकता हमें व्यक्ति के व्यक्तित्व जानने के लिए नाम का एक अक्षर तो क्या पूरा नाम भी काफ़ी नही है ।
मित्रों व्यक्ति के व्यक्तित्व जानने के लिए सर्व-परिवार का नाम होंना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि एक व्यक्ति से घर संसार नही बनता घर तो सर्व-परिवार से ही बनता है तभी तो मानव जीवन में घटनेवाली घटनाओं का पता चलेगा कि कौन से इंसान को घटना घटनेवाली है ।

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